पूर्व विधायक और सुरियावां के गौरव पंडित घनश्याम दुबे का निधन, क्षेत्र में शोक की लहर
भारत क्रांति न्यूज़ विशेष रिपोर्ट
सुरियावां, 31 दिसंबर: सुरियावां और पूरे क्षेत्र के लिए आज का दिन अत्यंत दुखद है। सुरियावां की शान, पूर्व विधायक और समाज के सच्चे सेवक पंडित घनश्याम दुबे जी का मुंबई के लीलावती अस्पताल में सुबह 5:45 बजे निधन हो गया। उनके निधन से न केवल सुरियावां, बल्कि पूरे देश ने एक महान जननेता, समाजसेवी, और प्रगतिशील विचारक को खो दिया है।
राजनीति और समाजसेवा में अतुलनीय योगदान
पंडित घनश्याम दुबे जी भारतीय राजनीति के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक थे। वे हिंदू हृदय सम्राट और शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी के निकट सहयोगी रहे। उन्होंने महाराष्ट्र विधान परिषद (MLC) के सदस्य और सुरियावां (वाराणसी) के ब्लॉक प्रमुख के रूप में समाजसेवा में अपना जीवन समर्पित किया।
घनश्याम दुबे जी ने उत्तर भारतीय महा संघ, भारतीय विकास संस्थान, और उपनगर तालिम संघ, मुंबई जैसे संगठनों की स्थापना कर देशभर में सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान के लिए कार्य किया। वे अटल बिहारी वाजपेयी, कमलापति त्रिपाठी, चंद्रशेखर, कल्याण सिंह, केशरी नाथ त्रिपाठी, नारायण दत्त तिवारी, विजय बहुगुणा, नारायण राणे और सुनील दत्त जैसे प्रतिष्ठित नेताओं के साथ काम कर चुके थे।
शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में अग्रणी
श्री दुबे जी ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाते हुए सुरियावां का पहला इंटर कॉलेज और डिग्री कॉलेज स्थापित किया। वे घनश्याम दुबे महाविद्यालय और सेवाश्रम इंटर कॉलेज के अध्यक्ष और ट्रस्टी थे। उन्होंने सुरियावां में पहला कोल्ड स्टोरेज स्थापित कर क्षेत्र के व्यापार और रोजगार में अभूतपूर्व योगदान दिया।
पारिवारिक धरोहर और कुश्ती का योगदान
पंडित घनश्याम दुबे जी का परिवार भारतीय समाज और खेल में भी अपनी धरोहर रखता है। वे प्रसिद्ध राजनारायण दुबे के पुत्र थे, जो भारतीय कुश्ती जगत के पथप्रदर्शक के रूप में विख्यात थे। उनके परदादा श्री ब्रह्मदेव दुबे ने पुणे में चाफेकर बंधुओं के अखाड़े का प्रबंधन किया था।
घनश्याम दुबे जी के दादा, सेठ बद्रीप्रसाद दुबे, भारत के प्रमुख व्यवसायियों में से एक थे, जिन्होंने 1931 में भारत की पहली टॉकी फिल्म आलम आरा को वित्तीय सहायता प्रदान की थी।
पूर्वांचल के ब्रह्माण्ड शिरोमणि
श्री दुबे जी को पूर्वांचल के “ब्रह्माण्ड शिरोमणि” के रूप में भी जाना जाता है। वे एक किसान, एक नेता, एक जनसेवक, और समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणा थे।
भारत क्रांति न्यूज़ परिवार की ओर से शोक संवेदना
भारत क्रांति न्यूज़ परिवार की ओर से हम पंडित घनश्याम दुबे जी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हैं। उनका असमय जाना न केवल सुरियावां, बल्कि पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
ईश्वर से प्रार्थना
हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिवार एवं चाहने वालों को इस गहरे दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
संक्षिप्त जानकारी
नाम: पंडित श्री घनश्याम दुबे
पद:
- पूर्व विधायक और महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य
- घनश्याम दुबे महाविद्यालय और सेवाश्रम इंटर कॉलेज के अध्यक्ष
- उत्तर भारतीय महा संघ और भारतीय विकास संस्थान के संस्थापक
उपलब्धियां:
- सुरियावां का पहला इंटर कॉलेज और कोल्ड स्टोरेज स्थापित किया
- समाज, शिक्षा और रोजगार के लिए जीवन समर्पित किया
निधन का समय: सुबह 5:45 बजे
निधन का स्थान: लीलावती अस्पताल, मुंबई
श्रद्धांजलि
“पूर्वांचल ने अपना ब्रह्माण्ड शिरोमणि और भारत ने एक महान नेता को खो दिया।”
ओम शांति 🙏