पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित
नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर केंद्र सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। इस फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सर्वसम्मति से पारित किया गया।
राष्ट्रीय शोक के दौरान पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। साथ ही, सभी सरकारी और सार्वजनिक समारोहों में सादगी का पालन किया जाएगा। इस अवधि में किसी भी तरह की मनोरंजन गतिविधियों को स्थगित रखा जाएगा।
इसी बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने भी राज्य में 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
डॉ. मनमोहन सिंह, जो 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे, अपने शांत स्वभाव, दूरदर्शिता और आर्थिक सुधारों के लिए जाने जाते थे। उनकी मृत्यु से देश ने एक कुशल अर्थशास्त्री और महान नेता को खो दिया है।
राजकीय शोक और राष्ट्रीय शोक में मुख्य अंतर:
राजकीय शोक और राष्ट्रीय शोक दोनों ही विशेष परिस्थितियों में घोषित किए जाते हैं, जैसे किसी महत्वपूर्ण नेता, राज्य या देश के प्रति अमूल्य योगदान देने वाले व्यक्ति के निधन पर। इनकी मुख्य जानकारी नीचे दी गई है:
राजकीय शोक:
- परिभाषा: यह शोक किसी राज्य द्वारा घोषित किया जाता है और राज्य के अंदर ही मान्य होता है।
- उद्देश्य: राज्य के एक महत्वपूर्ण व्यक्ति, जैसे राज्यपाल, मुख्यमंत्री, या किसी अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति के निधन पर उनके प्रति सम्मान व्यक्त करना।
- अवधि: आमतौर पर 1 से 7 दिनों तक घोषित की जाती है।
- नियम:
- इस दौरान सभी सरकारी भवनों पर झंडा आधा झुका दिया जाता है।
- राज्य में कोई भी आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम, जैसे सांस्कृतिक या खेल गतिविधियाँ, स्थगित कर दी जाती हैं।
- शोक की अवधि के दौरान सरकारी दफ्तरों में सादगी का पालन किया जाता है।
राष्ट्रीय शोक:
- परिभाषा: यह शोक पूरे देश में घोषित किया जाता है और पूरे देश में मान्य होता है।
- उद्देश्य: राष्ट्र के लिए असाधारण योगदान देने वाले व्यक्ति, जैसे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, या किसी राष्ट्रीय स्तर की हस्ती के निधन पर उनकी स्मृति में घोषित किया जाता है।
- अवधि: आमतौर पर 1 से 7 दिनों तक होती है।
- नियम:
- पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया जाता है।
- सभी सरकारी, सार्वजनिक और निजी मनोरंजन गतिविधियों को स्थगित किया जाता है।
- सरकारी और राजकीय समारोहों में सादगी का पालन होता है।
(भारत क्रांति न्यूज़)