भाजपा में शामिल होने से बेहतर अपनी जान दे दूं : “परमार दंपति का सुसाइड नोट”

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परमार दंपति सुसाइड केस: राहुल गांधी ने बच्चों से की बात, “भाजपा के दबाव से पापा ने मौत चुनी” 

एक्सक्लूसिव रिपोर्ट: भारत क्रांति न्यूज

मध्य प्रदेश के चर्चित परमार दंपति सुसाइड केस में सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को मृतक कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा परमार के बच्चों से बात कर उनके दर्द को समझा। इस मामले में भाजपा और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर लगाए गए गंभीर आरोपों ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है।

राहुल गांधी की एंट्री: “आपके साथ हर कदम पर खड़े हैं”

राहुल गांधी ने तीनों बच्चों—जतिन (18), जिया (16), और यशराज (13)—से फोन पर बात की। बड़ा बेटा जतिन भावुक होकर बोला, “पापा पर भाजपा और ईडी का दबाव था कि वे भाजपा में शामिल हों। पापा ने कहा, भाजपा में जाने से बेहतर है मर जाना।” बेटी जिया ने राहुल गांधी से घर आने का आग्रह किया और कहा, “मां-बाप का साया उठ गया, आपको आना होगा।”

राहुल गांधी ने बच्चों को सांत्वना देते हुए कहा, “आप अकेले नहीं हैं, हम आपके साथ हैं।” उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को बच्चों की हरसंभव मदद सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

MP bizman wife suicide case children talk to rahul gandhi said father died  instead of succumbing to ED pressure बीजेपी में शामिल होने से बेहतर पापा ने  मर जाना समझा; सुसाइड करने

ईडी सवालों के घेरे में, लेकिन सफाई में कहा ‘हम निर्दोष’

ईडी ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि उन्होंने 5 दिसंबर को परमार के घर तलाशी ली थी, जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले। ईडी के मुताबिक, परमार पर छह करोड़ की धोखाधड़ी, रेप और जाली दस्तावेजों के गंभीर आरोप थे। ईडी ने दावा किया कि तलाशी के बाद परमार से कोई संपर्क नहीं हुआ।

सुसाइड नोट ने खोली साजिश की परतें!

घटनास्थल से मिले छह पन्नों के सुसाइड नोट ने मामला और गरमा दिया है। इसमें भाजपा और ईडी के दबाव का जिक्र किया गया है। स्थानीय व्यक्ति पुनीत संचेती को परमार ने अपनी परेशानी के लिए जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस ने इस सुसाइड नोट को “सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग” बताते हुए भाजपा पर हमला बोला है।

परमार का अतीत: हीरो या खलनायक?

मनोज परमार का आपराधिक रिकॉर्ड इस मामले को जटिल बनाता है। उन पर रेप, धोखाधड़ी, और जाली दस्तावेजों से बैंक को 6.20 करोड़ का नुकसान पहुंचाने के आरोप थे। तीन बार जेल जा चुके परमार जमानत पर बाहर थे। बावजूद इसके, कांग्रेस का कहना है कि उनकी मौत का असली कारण भाजपा का राजनीतिक दबाव था।

कांग्रेस का ऐलान: “बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहेगा”

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने घोषणा की है कि कांग्रेस परमार के बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च उठाएगी। सागर शहर कांग्रेस अध्यक्ष राजकुमार पचौरी ने एक बच्चे की जिम्मेदारी व्यक्तिगत तौर पर लेने का वादा किया है।

राहुल गांधी का बड़ा कदम: परमार परिवार से मिलने का वादा

राहुल गांधी ने संकेत दिया है कि वे जल्द ही आष्टा पहुंचकर परमार परिवार से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक पारिवारिक त्रासदी नहीं, बल्कि अन्याय और प्रताड़ना का मामला है।”

भारत क्रांति की एक्सक्लूसिव राय

यह मामला राजनीति, दबाव और सरकारी एजेंसियों के कथित दुरुपयोग का खतरनाक उदाहरण है। इस त्रासदी के पीछे की सच्चाई तक पहुंचने के लिए निष्पक्ष जांच जरूरी है।

यह घटना सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं है; यह लोकतंत्र में हर नागरिक की सुरक्षा और गरिमा का सवाल है।

रिपोर्ट: अशु झा, भारत क्रांति न्यूज
(शिव शंकर दुबे, मुख्य संपादक)

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