बस्ती में दलित किशोर के साथ बर्बरता: पुलिस की लापरवाही और न्याय की मांग
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने न केवल समाज को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना में 17 वर्षीय दलित किशोर को बर्थडे पार्टी के बहाने बुलाया गया, जहां उसके साथ अमानवीय बर्ताव किया गया।
घटना का विवरण
आरोपियों ने किशोर को बर्थडे पार्टी में बुलाया और वहां न केवल उसे नंगा करके पीटा, बल्कि उसे पेशाब पीने पर मजबूर किया गया। यह अमानवीयता यहीं खत्म नहीं हुई। आरोपियों ने इस पूरे वाकये का वीडियो भी बनाया। इसके अलावा, पीड़ित को थूक चाटने पर मजबूर करने का भी आरोप है।
परिजनों की शिकायत और प्रशासन की लापरवाही
पीड़ित किशोर के परिवार ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। बार-बार गुहार लगाने के बावजूद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। प्रशासन की इस उदासीनता से आहत किशोर ने आत्महत्या कर ली।
पीड़ित का शव लेकर गुस्साए परिजन पहले थाने पहुंचे, लेकिन जब वहां भी न्याय नहीं मिला तो शव को एसपी कार्यालय ले गए। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही और आरोपियों की दबंगई ने इस मामले को इस अंजाम तक पहुंचाया।
सामाजिक आक्रोश और प्रशासन पर सवाल
यह घटना न केवल जातिगत भेदभाव की ओर इशारा करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कमजोर वर्ग के लोगों के साथ न्याय पाना कितना मुश्किल हो सकता है। घटना के बाद से बस्ती जिले में आक्रोश का माहौल है। सामाजिक संगठनों और दलित अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
घटना ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर सरकार और प्रशासन पर निशाना साधा है। सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सजा दी जाए।
न्याय की मांग
बस्ती की इस घटना ने न केवल समाज के कमजोर वर्ग की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि न्याय प्रणाली कितनी असंवेदनशील हो सकती है। यह समय है कि प्रशासन और समाज इस घटना से सबक लें और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
रिपोर्ट: आशु झा | मुख्य संपादक: शिव शंकर दुबे
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