हाथरस प्रकरण: चार साल से घर में कैद, न्याय की आस में पीड़ित परिवार

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हाथरस बिटिया प्रकरण: चार साल से घर में कैद परिवार, न्याय की आस में कट रही जिंदगी, राहुल गांधी को सुनाया दर्द

हाथरस, उत्तर प्रदेश – 2020 में देश को झकझोर देने वाले हाथरस बिटिया प्रकरण के चार साल बाद भी पीड़िता के परिवार की जिंदगी सामान्य नहीं हो पाई है। परिवार के सदस्यों का कहना है कि वे अपने ही घर में कैद जैसी स्थिति में जी रहे हैं। सामाजिक बहिष्कार, प्रशासनिक दबाव और सुरक्षा कारणों से वे सामान्य जीवन जीने में असमर्थ हैं।

बीते दिनों पीड़िता के परिवार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की और अपनी पीड़ा साझा की। उन्होंने बताया कि उनके लिए जिंदगी चारदीवारी के अंदर तक सीमित हो गई है। न वे गांव में खुलकर चल-फिर सकते हैं और न ही किसी सामाजिक आयोजन में शामिल हो सकते हैं। परिवार के एक सदस्य ने कहा, “हम अपने ही घर में कैद होकर रह गए हैं। यह सजा उन दोषियों को मिलनी चाहिए थी, लेकिन भुगत हमें पड़ रही है।”

राहुल गांधी ने जताई संवेदना, उठाए सवाल

राहुल गांधी ने इस मुलाकात के दौरान परिवार को ढांढस बंधाया और कहा कि वे उनके संघर्ष में साथ खड़े हैं। उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह केवल एक न्याय का मामला नहीं है, बल्कि यह देश की नैतिकता और मानवाधिकारों का सवाल भी है।
उन्होंने कहा, “इस घटना ने पूरी व्यवस्था की विफलता को उजागर किया है। जब तक इस परिवार को न्याय नहीं मिलता, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी।”

कैसे बदली परिवार की जिंदगी?

2020 की इस घटना ने न केवल पीड़िता की जिंदगी छीन ली, बल्कि उसके परिवार को भी सामाजिक बहिष्कार और प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार बना दिया। पीड़िता के भाई ने कहा, “हम गांव में न तो खेतों में जा सकते हैं और न ही किसी से बात कर सकते हैं। लोग हमें दोषियों की तरह देखते हैं।”
उन्होंने बताया कि सरकारी सुरक्षा तो मिली है, लेकिन यह उनके लिए एक कैद जैसी बन गई है। पुलिसकर्मी हमेशा उनके घर के पास तैनात रहते हैं, जिससे गांव के अन्य लोग उनसे दूरी बनाए रखते हैं।

घटना पर एक नजर

19 वर्षीय दलित युवती के साथ कथित तौर पर गैंगरेप और बर्बरता के बाद, प्रशासन ने रातोंरात उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। इस कृत्य को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए। हालांकि, चार साल बीतने के बावजूद, मामला अभी भी अदालत में लंबित है।

परिवार की मांग: न्याय और स्वतंत्रता

परिवार का कहना है कि उन्हें सिर्फ न्याय ही नहीं चाहिए, बल्कि समाज में स्वतंत्रता और सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार भी चाहिए। उनकी मांग है कि दोषियों को कड़ी सजा मिले और उन्हें सरकार से उचित पुनर्वास सहायता दी जाए।

समाज और प्रशासन की भूमिका पर सवाल

घटना के चार साल बाद भी परिवार जिस प्रकार की स्थिति का सामना कर रहा है, वह समाज और प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या यह देश में एक पीड़ित परिवार की स्थिति को सामान्य करने के लिए पर्याप्त कदम उठा रहा है?

राहुल गांधी ने कहा कि यह मामला केवल हाथरस या उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि न्याय और मानवाधिकारों को सुनिश्चित करना कितना जरूरी है।

Bharat Kranti News
Author: Bharat Kranti News

Anil Mishra CEO & Founder, Bharat Kranti News Anil Mishra is the CEO and Founder of Bharat Kranti News, a platform dedicated to fearless and unbiased journalism. With a mission to highlight grassroots issues and promote truth in media, he has built Bharat Kranti News into a trusted source of authentic and people-centric reporting across India.

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