इंडियन आइडल से रिजेक्शन तक… और अब बिहार की सबसे कम उम्र की MLA—एक युवती का अद्भुत सफर
भारत क्रांति न्यूज़ | स्पेशल रिपोर्ट
पटना, बिहार : कभी इंडियन आइडल के ऑडिशन में रिजेक्ट हुई एक सामान्य परिवार की लड़की आज बिहार की सबसे कम उम्र की विधायक बन गई है। यह सफर न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि यह बताता है कि सोशल मीडिया, लगन और जनता का भरोसा किस तरह किसी की ज़िंदगी बदल सकता है।
रियलिटी शो से निराशा, लेकिन हार नहीं मानी
कुछ वर्ष पहले यह युवती म्यूज़िक रियलिटी शो इंडियन आइडल के ऑडिशन में पहुंची थी। अपने सपनों और उम्मीदों के साथ गाने गई, लेकिन कुछ ही क्षणों में जजों ने उसे रिजेक्ट कर दिया।
परिवार और दोस्तों ने हौसला बढ़ाया, लेकिन उस दिन का दर्द उसके लिए सबसे बड़ा सबक बन गया।
सोशल मीडिया से बनाई अपनी नई पहचान
इंडियन आइडल के रिजेक्शन के बाद उसने अपने भाई-बहनों के साथ सोशल मीडिया पर एक छोटा सा चैनल शुरू किया।
बिना स्टूडियो, बिना प्रोफेशनल सेटअप—सिर्फ मोबाइल फोन और आत्मविश्वास के साथ उसने अपने वीडियो रिकॉर्ड किए।
उसने एक अनोखी पहल शुरू की—
भूले-बिसरे लोकगीतों को फिर से सामने लाना।
उसके चैनल पर ऐसे गीत आने लगे जिन्हें लोग दशकों से भूल चुके थे—
भोजपुरी, मैथिली, कजरी, सोहर, निर्गुण, पारंपरिक विवाह गीत और ग्रामीण सांस्कृतिक धुनें।
कुछ ही समय में उसके वीडियो वायरल होने लगे।

वायरल आवाज़ विश्वभर में पहुँची
एक साल के भीतर उसके सोशल मीडिया चैनल के लाखों फॉलोअर्स हो गए।
विदेशों से निमंत्रण मिलने लगे—
नेपाल, फिजी, मॉरीशस, दुबई, सिंगापुर जैसे देशों में आयोजित भारतीय सांस्कृतिक समारोहों में उसे विशेष प्रस्तुति के लिए बुलाया गया।
विदेशी मंचों पर भारतीय लोकगीतों की धुनें गूंजने लगीं और दर्शकों ने खड़े होकर उसका स्वागत किया।
खादी की ब्रांड एम्बेसडर बनने का सम्मान
लोकसंगीत, सादगी और भारतीय संस्कृति के प्रति उसके जुड़ाव को देखते हुए उसे खादी का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया।
यह उसके लिए पहला बड़ा सरकारी सम्मान था और यहीं से उसका सामाजिक दायरा तेजी से बढ़ा।

जनता के बीच लगातार सक्रिय रही
लोकप्रियता बढ़ने के बाद भी उसने जमीन से जुड़ाव नहीं छोड़ा।
अपने क्षेत्र में जाकर उसने—
- युवाओं के लिए कला-प्रशिक्षण कार्यक्रम
- स्कूलों में पुस्तकालय
- महिलाओं के लिए स्वनिर्भरता समूह
- बुज़ुर्गों के लिए मदद अभियान
जैसी पहलें शुरू कीं।
धीरे-धीरे लोग उसे सिर्फ गायिका नहीं, बल्कि अपनी आवाज़ के रूप में देखने लगे।
राजनीति में प्रवेश और ऐतिहासिक जीत
स्थानीय लोगों की मांग पर उसने चुनाव लड़ने का फैसला किया।
अभियान के दौरान उसकी सादगी, ईमानदारी और जमीनी कामों ने युवाओं और महिलाओं में बड़ा प्रभाव डाला।
मतगणना के दिन उसने बड़े अंतर से जीत हासिल की
और बिहार की सबसे कम उम्र की MLA बनकर इतिहास रच दिया।
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रिजेक्शन से विधानसभा तक—एक मिसाल
एक रियलिटी शो से मिली निराशा उसके सफर का अंत नहीं, बल्कि शुरुआत साबित हुई।
आज वह लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है।
यह कहानी क्यों महत्वपूर्ण है?
क्योंकि यह दिखाती है—
- एक रिजेक्शन किसी का भविष्य तय नहीं करता
- सोशल मीडिया आज प्रतिभा के लिए सबसे बड़ा मंच है
- भारतीय लोकगीत में अपार शक्ति है
- जनता का प्यार किसी भी बड़े मंच से अधिक महत्व रखता है
- युवाओं और महिलाओं में नेतृत्व की नई लहर उठ रही है
भारत क्रांति न्यूज़ का निष्कर्ष
यह कहानी सिर्फ एक लड़की की सफलता नहीं,
बल्कि उस विश्वास की जीत है
जो कहता है—
“मेहनत और जनता का भरोसा—दोनों मिल जाएँ,
तो असंभव भी संभव हो जाता है।”
Author: Bharat Kranti News
Anil Mishra CEO & Founder, Bharat Kranti News Anil Mishra is the CEO and Founder of Bharat Kranti News, a platform dedicated to fearless and unbiased journalism. With a mission to highlight grassroots issues and promote truth in media, he has built Bharat Kranti News into a trusted source of authentic and people-centric reporting across India.







