यूपी चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई: बरेली जिले में हटेंगे 3.95 लाख डुप्लीकेट वोटर

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यूपी के बरेली जिले में 3.95 लाख डुप्लीकेट वोटरों के नाम हटेंगे, 29 सितंबर तक चलेगा सत्यापन अभियान

बरेली।
लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती के लिए मतदाता सूची की शुद्धता बेहद जरूरी है। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी सामने आई है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कराए गए जांच में 3,94,886 डुप्लीकेट वोटरों के नाम पाए गए हैं। इन नामों को सूची से हटाने के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक अभियान शुरू कर दिया है।

 एक व्यक्ति, चार जगह वोटर!

जिले में कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं।

  • क्यारा ब्लॉक निवासी अकील अहमद का नाम चार अलग-अलग ग्राम पंचायतों की मतदाता सूची में दर्ज है।

  • वहीं कांधरपुर बूथ की सूची में अंजनी नामक मतदाता का नाम दो बार दर्ज है, केवल उम्र का अंतर दिखाया गया है।

ऐसे ही हजारों मामले जिले भर में दर्ज हैं, जिन्हें अब बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) और खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के सहयोग से सत्यापन के बाद हटाया जाएगा


 ब्लॉकवार स्थिति

सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी सतीश मौर्य ने बताया कि बरेली जिले के सभी ब्लॉकों में डुप्लीकेट वोटरों की पहचान हो चुकी है। इनमें नवाबगंज ब्लॉक में सबसे ज्यादा 41,330 वोटर डुप्लीकेट पाए गए हैं।

ब्लॉक डुप्लीकेट मतदाता
नवाबगंज 41,330
बिथरी चैनपुर 31,802
भुता 30,766
शेरगढ़ 30,759
बहेड़ी 30,200
आलमपुर 28,909
मझगवां 27,955
भदपुरा 27,626
दमखोदा 23,318
क्यारा 22,629
भोजीपुरा 22,500
मीरगंज 22,526
फरीदपुर 20,679
फतेहगंज पश्चिमी 20,617
रामनगर 13,270

 घर-घर सत्यापन अभियान

  • निर्वाचन आयोग ने 19 अगस्त से विशेष मतदाता सत्यापन अभियान शुरू किया है।

  • इस दौरान बीएलओ 29 सितंबर तक हर घर जाकर वोटरों का सत्यापन करेंगे।

  • अब तक 1.89 लाख घरों का सर्वे पूरा कर लिया गया है, जबकि कुल लक्ष्य 4.09 लाख घरों का है।

  • इस काम के लिए 1690 बीएलओ तैनात किए गए हैं।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी ब्लॉकों को ग्राम पंचायतवार सूची उपलब्ध कराते हुए साफ निर्देश दिए हैं कि मतदाता का नाम केवल उसी पंचायत में रहेगा जहां वह वास्तव में निवास करता है


क्यों जरूरी है मतदाता सूची का शुद्धिकरण?

विशेषज्ञों का मानना है कि डुप्लीकेट नाम चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।

  • फर्जी मतदान की संभावना बढ़ जाती है।

  • चुनावी परिणामों पर संदेह खड़ा होता है।

  • लोकतांत्रिक प्रणाली की विश्वसनीयता पर असर पड़ता है।

इसी कारण निर्वाचन आयोग ने इस बार सख्त रुख अपनाया है और ब्लॉकवार जिम्मेदारी तय कर दी है।


 चुनावी असर

बरेली जिले में डुप्लीकेट वोटरों की इतनी बड़ी संख्या सामने आना निश्चित तौर पर आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों को प्रभावित कर सकता है। राजनीतिक दलों की नजर अब इस अभियान पर टिकी हुई है, क्योंकि मतदाता सूची का सीधा असर मतदान प्रतिशत और नतीजों पर पड़ेगा।


निष्कर्ष

बरेली जिले में 3.95 लाख डुप्लीकेट वोटरों के नाम हटाए जाने की प्रक्रिया निर्वाचन आयोग की पारदर्शी चुनाव कराने की मंशा को दिखाती है। 29 सितंबर तक चलने वाले इस अभियान से जिले की मतदाता सूची शुद्ध और विश्वसनीय बनेगी।

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