पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी के प्लॉट पर लोहे की फैक्टरी, संजय सिंह ने किया संचालन
गोरखपुर/देवरिया: देवरिया औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट नंबर बी-2 को लेकर लंबे समय से चर्चा रही है। यह प्लॉट पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर के नाम था।
प्लॉट का इतिहास
1990 के दशक में देवरिया में औद्योगिक क्षेत्र के लिए कई प्लॉट आवंटित किए गए थे। इस क्षेत्र में कुछ बड़ी कंपनियों ने अपने कारखाने स्थापित किए। बी-2 नंबर का प्लॉट भी उसी समय खाली था और रामजनक शर्मा को इसके आवंटन के लिए आवेदन मंजूर हुआ था।
प्लॉट का हस्तांतरण और बिक्री
नूतन ठाकुर ने तीन साल बाद विभाग को मौखिक रूप से प्लॉट सरेंडर करने की सूचना दी। इसके बाद साल 2003 में उन्होंने 618 वर्ग मीटर के प्लॉट को शराब कारोबारी संजय सिंह को बेच दिया। संजय सिंह पहले से ही इसी इलाके में किराए पर लोहे का कारखाना चला रहे थे।
कारखाना स्थापना और संचालन
संजय सिंह ने प्लॉट मिलने के बाद पक्का निर्माण कराया और अपने कारखाने को शिफ्ट कर दिया। इससे पहले उनका कारखाना किराए की जमीन पर चलता था। विभागीय नियमों के अनुसार प्लॉट को पुनः आवंटित किया जाना था, लेकिन नूतन ठाकुर और संजय सिंह के बीच विभाग की मदद से सीधे हस्तांतरण कर दिया गया।
वर्तमान स्थिति
साल 2010 तक संजय सिंह का व्यवसाय दिल्ली शिफ्ट हो गया, जिसके बाद प्लॉट बी-2 पर स्थित कारखाना ज्यादातर बंद रहने लगा। औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट की यह कहानी अब भी चर्चा में रहती है।
उद्योग विभाग की प्रतिक्रिया:
उपायुक्त उद्योग एस. सिद्दकी ने कहा कि मामले से संबंधित सभी जानकारियाँ विभाग ने उपलब्ध कराई हैं।
पृष्ठभूमि
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर मार्च 1998 से मार्च 2000 तक देवरिया के एसपी रहे। प्लॉट की कहानी उस समय सुर्खियों में आई थी जब विभागीय जांच में यह खुलासा हुआ कि नूतन ठाकुर ने मौखिक सूचना के आधार पर प्लॉट का सरेंडर किया था।
Author: Ashu Jha : Bharat Kranti News
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