GST बचत उत्सव: भदोही के बाज़ारों में लौटेगी रौनक, सब्ज़ियों के दाम गिरे

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GST बचत उत्सव ने भदोही में घटाए दाम, त्योहार की तैयारियां तेज़, घटे दामों से आम जनता को राहत


भदोही, 21 सितंबर 2025 — नवरात्रि की शुरुआत हो रही है और सरकार ने “GST Bachat Utsav” के नाम से आम जनता के लिए बड़ी सौगात ला दी है। 22 सितंबर से लागू हो रही नई GST दरें गरीब, मध्यमवर्ग और व्यापारियों को खर्चों में सीधे कमी लेकर आएंगी।


क्या है नया परिवर्तन

  • GST की दरों में बदलाव: अब ज्यादातर सामान पहले की तुलना में कम कर स्लैब में आएंगे।

  • टैक्स स्लैब में सुधार: पहले जिन चीज़ों पर 12% टैक्स लगता था, अब वे 5% स्लैब में होंगे।

  • लक्जरी और ‘sin goods’ पर विशेष दर: इनपर अतिरिक्त “compensation cess” रहेगा, लेकिन अधिकांश रोजमर्रा की चीज़ों पर राहत मिलेगी।


व्रत थाली, सब्जियों और राशन पर असर

  • व्रत थाली सस्ती होगी: थाली में शामिल मुद्रित एवं पैकेज्ड चीज़ों जैसे ड्राई फ्रूट्स, पनीर, घी, दूध आदि पर अब टैक्स घटाया गया है, जिससे व्रत के दिनों में लोगों की जेब पर कम दबाव पड़ेगा। TV9 Bharatvarsh+1

  • सब्ज़ियों की कीमतों पर असर: चूंकि सब्ज़ियां आमतौर पर टैक्स-स्लैब बदलाव से सीधे प्रभावित नहीं होतीं, लेकिन पूर्ति-व्यापार (supply chain) में लागत घटने से थोर-बहुत रियायती भावों की उम्मीद जताई जा रही है। आम आदमी को राशन-ख़रीदारी में राहत मिल सकती है। (अभी ऐसी रिपोर्ट सीमित है कि सब्ज़ियों के दाम कितने घटेंगे)।


किसे मिलेगा लाभ

  • गृहिणियाँ जो त्योहार के समय व्रत की थाली सजाती हैं, उन्हें सब्जी-द्रव्य एवं त्योहार-विशेष सामानों की खरीद में राहत मिलेगी।

  • मध्यमवर्ग जो रोजमर्रा के ग्रॉसरी, डेयरी उत्पाद और पैकेज्ड फूड लेता है, उनके खर्चों में कटौती होगी।

  • व्यापारी एवं दुकानदार को उम्मीद है कि बिक्री बढ़ेगी क्योंकि कीमतों में गिरावट से मांग में इज़ाफा होगा।

  • किसान, दूध-डेयरी उद्योग और पैकेज्ड फूड उद्योग को टैक्स ढाँचे में बदलाव की वजह से उत्पादन लागत कम करने में मदद मिल सकती है।


किन चीज़ों का ध्यान रहे

  • हर चीज़ पर तुरंत असर नहीं दिखेगा — कुछ स्टॉक पहले से पुराने टैक्स दर पर छपे हुए हो सकते हैं।

  • कीमतों में गिरावट पूरी तरह टैक्स बदलाव पर निर्भर नहीं है—तरकारी उत्पादन, मौसम, परिवहन लागत जैसे अन्य तत्व भी अहम हैं।

  • “लक्सरी”, “sin goods” आदि उत्पादों पर टैक्स में कमी कम या सीमित रह सकती है।


निष्कर्ष

“GST Bachat Utsav” एक ऐसा अवसर है जब सरकार ने त्योहारों के समय आम जन-जीवन पर पड़ने वाले वित्तीय दबाव को कम करने की कोशिश की है। नवरात्रि के इस पर्व पर, जब व्रत-उपासना के साथ थाली सजती है और खर्च बढ़ जाता है, ऐसे समय में यह बदलाव राहत देने वाला हो सकता है। यदि लाभ सही तरीके से नीचे तक पहुंचे, तो यह न सिर्फ उपभोक्ता की थाली सस्ती करेगा बल्कि अर्थव्यवस्था में भी उत्साह और मांग बढ़ाएगा।

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Author: Bharat Kranti News

Anil Mishra CEO & Founder, Bharat Kranti News Anil Mishra is the CEO and Founder of Bharat Kranti News, a platform dedicated to fearless and unbiased journalism. With a mission to highlight grassroots issues and promote truth in media, he has built Bharat Kranti News into a trusted source of authentic and people-centric reporting across India.

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