उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा निर्गत योजनाओं और पुरस्कारों के माध्यम से प्रदेश के साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध करने का प्रयास किया जा रहा है। ये योजनाएं और प्रतियोगिताएं न केवल स्थापित साहित्यकारों बल्कि युवा रचनाकारों के लिए भी एक शानदार अवसर प्रस्तुत करती हैं। आइए इन योजनाओं को विस्तार से समझते हैं:
1. बाल साहित्य सम्मान (2023)
यह योजना बाल साहित्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है, जिसके तहत 10 बाल साहित्य सम्मानों के लिए आवेदन और संस्तुतियाँ आमंत्रित की जा रही हैं।
प्रमुख सम्मान:
- सुभद्रा कुमारी चौहान महिला बाल साहित्य सम्मान: उन महिला साहित्यकारों के लिए जो बाल साहित्य में उत्कृष्ट योगदान दे रही हैं।
- सोहन लाल द्विवेदी बाल कविता सम्मान: बाल कविता में विशिष्ट योगदान के लिए।
- निरंकार देव सेवक बाल साहित्य इतिहास लेखन सम्मान: बाल साहित्य के इतिहास लेखन में उत्कृष्ट साहित्यकारों को दिया जाएगा।
- अमृतलाल नागर बाल कथा सम्मान: यह बाल कथाओं के क्षेत्र में उत्कृष्टता को सम्मानित करने का प्रयास है।
- शिक्षार्थी बाल चित्रकला सम्मान: बाल चित्रकला के क्षेत्र में योगदान देने वाले साहित्यकारों को मान्यता देने के लिए।
- लल्ली प्रसाद पाण्डेय बाल साहित्य पत्रकारिता सम्मान: बाल साहित्य पर पत्रकारिता में विशेष योगदान के लिए।
- डॉ. रामकुमार वर्मा बाल नाटक सम्मान: बाल नाटक लेखन के क्षेत्र में योगदान देने वालों को।
- आचार्य कृष्ण विनायक फड़के बाल साहित्य समीक्षा सम्मान: बाल साहित्य की समीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले साहित्यकारों को।
- जगपति चतुर्वेदी बाल विज्ञान लेखन सम्मान: बाल विज्ञान लेखन में विशिष्ट योगदान के लिए।
- उमाकान्त मालवीय युवा बाल साहित्य सम्मान: युवा साहित्यकारों के उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देने के लिए।
सम्मान की धनराशि: प्रत्येक सम्मान के लिए ₹51,000 की राशि प्रदान की जाएगी।
आवेदन प्रक्रिया:
- संस्तुतियाँ: संस्तुतियाँ आमंत्रित की गई हैं, जिसमें संस्तुतिकर्ता और जिनके लिए संस्तुति की जा रही है, दोनों के जीवनवृत्त और संपर्क विवरण अनिवार्य रूप से संलग्न करने होंगे।
- एक ही संस्तुति प्रपत्र पर किसी एक साहित्यकार के नाम की संस्तुति मान्य होगी।
- अंतिम तिथि: बाल साहित्य सम्मानों के लिए संस्तुति भेजने की अंतिम तिथि 24 सितम्बर, 2024 है।
- वेबसाइट: www.uphindisansthan.in पर आवेदन संबंधी सभी विवरण और नियम उपलब्ध हैं।
2. कहानी, कविता, निबंध प्रतियोगिता (2024)
उत्तर प्रदेश के युवा रचनाकारों (18 से 30 वर्ष) को प्रोत्साहित करने के लिए यह प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। इसमें युवा रचनाकार कहानी, कविता और निबंध विधाओं में अपनी रचनाएँ भेज सकते हैं।
विधाएँ:
- कहानी: अधिकतम 2500 शब्दों में भारतीय सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित होनी चाहिए।
- कविता: अधिकतम 500 शब्दों की कविता (सिर्फ एक ओर टंकित) होनी चाहिए।
- निबंध: विषय है “पर्यावरण और हमारा दायित्व,” जो अधिकतम 2500 शब्दों में (सिर्फ एक ओर टंकित) होना चाहिए।
प्रविष्टि की शर्तें:
- कहानी, कविता, और निबंध की प्रविष्टियाँ तीन प्रतियों में ए4 आकार के कागज़ पर कम्प्यूटर टाइप की हुई होनी चाहिए।
- रचनाओं पर लेखक का नाम और पता अंकित नहीं होना चाहिए। प्रतिभागी का नाम, पता, दूरभाष और हाईस्कूल प्रमाणपत्र की छायाप्रति अलग पृष्ठ पर संलग्न करनी होगी।
- पूर्व में पुरस्कृत रचनाकार की प्रविष्टि उसी विधा में स्वीकार नहीं की जाएगी।
पुरस्कार:
- प्रथम पुरस्कार: ₹7,000
- द्वितीय पुरस्कार: ₹5,000
- तृतीय पुरस्कार: ₹4,000
- सांत्वना पुरस्कार: (दो पुरस्कार) प्रत्येक ₹2,000
अंतिम तिथि: प्रविष्टियाँ 28 सितम्बर, 2024 तक निदेशक, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ के पते पर भेजी जानी चाहिए। प्रविष्टियों के लिफाफे पर स्पष्ट रूप से कहानी/कविता/निबंध प्रतियोगिता लिखना अनिवार्य है।
3. साहित्यकार कल्याण कोष योजना
यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर या रुग्ण साहित्यकारों की सहायता के लिए संचालित की जा रही है। इसका उद्देश्य ऐसे साहित्यकारों को चिकित्सा सहायता प्रदान करना है, जिनकी वार्षिक आय कम है और जो चिकित्सा कारणों से आर्थिक कठिनाई का सामना कर रहे हैं।
योग्यता:
- आवेदक की आय 5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
- साहित्यकार की उम्र 60 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- चिकित्सा सहायता के लिए अधिकतम 50,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
आवेदन की प्रक्रिया:
- आवेदन के साथ तहसीलदार द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र, चिकित्सक का प्रमाण पत्र, और दो साहित्यकारों की संस्तुतियाँ अनिवार्य रूप से संलग्न करनी होंगी।
- योजना के नियम और आवेदन पत्र का प्रारूप संस्थान की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
- अंतिम तिथि: आवेदन की अंतिम तिथि 21 सितम्बर, 2024 है।
नियम और शर्तें:
- सभी योजनाओं और सम्मान के नियम संस्थान के निर्देशों के अनुसार होंगे।
- किसी भी प्रकार की आपत्ति संस्थान के निर्णय के विरुद्ध स्वीकार नहीं की जाएगी।
निष्कर्ष:
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा चलाई जा रही ये योजनाएँ और प्रतियोगिताएं साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, साहित्यकारों की आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी सहायता करने, और युवा पीढ़ी में साहित्यिक चेतना को जागृत करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल हैं। इन योजनाओं के माध्यम से साहित्यिक रचनाओं और प्रयासों को एक मंच और मान्यता मिलेगी, जिससे न केवल राज्य में साहित्यिक संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि समाज में एक नई साहित्यिक धारा का निर्माण होगा।
मुख्य संपादक – शिवशंकर दुबे
लेखक : आशु झा
भारत क्रांति न्यूज़