लंपी स्किन रोग टीकाकरण अभियान: पशुधन सुरक्षा के लिए बड़ा कदम
भदोही, 17 सितंबर 2024
लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) के प्रसार को रोकने के लिए जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे निशुल्क टीकाकरण अभियान का शुभारंभ सोमवार को जिलाधिकारी विशाल सिंह ने कलेक्ट्रेट परिसर में किया। उन्होंने हरी झंडी दिखाकर टीकाकरण रैली को रवाना किया, जिसका उद्देश्य जिले भर के पशुपालकों को जागरूक करना और गोवंशीय पशुओं को इस घातक बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण सुनिश्चित करना है।
अभियान का उद्देश्य और महत्व
यह अभियान 17 सितंबर से 31 अक्टूबर 2024 तक चलेगा, जिसके अंतर्गत 1,70,000 से अधिक गोवंशीय पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण अभियान की शुरुआत करते हुए जिलाधिकारी विशाल सिंह ने कहा, “पशुधन किसी भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं। उनका स्वस्थ रहना न केवल पशुपालकों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए आवश्यक है। यह अभियान पशुपालकों को अपने पशुओं को लंपी स्किन रोग जैसी घातक बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए प्रेरित करेगा।”
जिलाधिकारी ने “स्वस्थ पशुधन- खुशहाल पशुपालक” के संदेश को रेखांकित करते हुए कहा कि हर पशुपालक को अपने गोवंशीय पशुओं का न केवल टीकाकरण कराना चाहिए, बल्कि उनके कान में टैग भी लगवाना चाहिए, ताकि टीकाकरण का रिकॉर्ड रखा जा सके। इस अभियान के दौरान पशुपालकों को घर-घर जाकर निशुल्क टीके लगाए जाएंगे।
लंपी स्किन डिजीज: गंभीर खतरे और समाधान
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. डी.पी. सिंह ने इस अवसर पर विस्तार से जानकारी दी कि लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) गोवंशीय पशुओं में होने वाली एक खतरनाक और तेजी से फैलने वाली बीमारी है। यह रोग वायरस के संक्रमण से फैलता है और इसके प्रमुख लक्षणों में शरीर पर कठोर गांठें, तेज बुखार, छाती और जननांगों में सूजन, आंखों और नाक से पानी का बहना शामिल है। इसके अतिरिक्त, इस बीमारी से पीड़ित पशुओं में दूध उत्पादन में कमी आ जाती है, जिससे पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान होता है।
डॉ. सिंह ने बताया कि यदि यह बीमारी गर्भवती पशुओं में फैलती है, तो उनके गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, “यह बेहद संक्रामक बीमारी है, और अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह पशुओं की मृत्यु का कारण भी बन सकती है। इसलिए यह अत्यावश्यक है कि पशुपालक अपने पशुओं का समय पर टीकाकरण कराएं।”
अभियान की व्यापक रणनीति
लंपी स्किन डिजीज के प्रसार को रोकने के लिए पशुपालन विभाग ने इस अभियान के तहत 11 टीमें गठित की हैं, जो जिले के विभिन्न हिस्सों में जाकर टीकाकरण करेंगी। इन टीमों का मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना, उनके पशुओं का टीकाकरण करना और उन्हें टैग लगाना है। इस तरह न केवल बीमारी के प्रसार को रोका जा सकेगा, बल्कि पशुओं के स्वास्थ्य पर नजर भी रखी जा सकेगी।
टीकाकरण अभियान के तहत गांव-गांव में जागरूकता रैलियां निकाली जा रही हैं, जिनमें पशुपालकों को लंपी स्किन डिजीज के लक्षण, बचाव के तरीके और टीकाकरण की आवश्यकता के बारे में बताया जा रहा है।
पशुपालकों का सहयोग और प्रतिक्रिया
अभियान के प्रति पशुपालकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। इस मौके पर मौजूद पशुपालकों ने जिलाधिकारी और पशुपालन विभाग की इस पहल की सराहना की और विश्वास जताया कि यह अभियान उनके पशुओं को सुरक्षित रखने में बेहद प्रभावी साबित होगा।
किसान रामलाल, जो इस गोष्ठी में भाग लेने आए थे, ने कहा, “हमारे लिए यह टीकाकरण अभियान बहुत महत्वपूर्ण है। यह न केवल हमारे पशुओं को इस खतरनाक बीमारी से बचाएगा, बल्कि हमारे जीवनयापन का साधन भी सुरक्षित करेगा।” इसी तरह, अन्य पशुपालकों ने भी विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि वे इस अभियान में पूरी तरह से सहयोग करेंगे।
अभियान की सफलता के लिए जिलाधिकारी की अपील
जिलाधिकारी विशाल सिंह ने कार्यक्रम के समापन पर कहा, “पशुपालक समुदाय की भागीदारी इस अभियान की सफलता के लिए अनिवार्य है। हम सभी को मिलकर इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई लड़नी है और अपने पशुओं को सुरक्षित रखना है। मैं सभी पशुपालकों से आग्रह करता हूं कि वे इस टीकाकरण अभियान में पूर्ण रूप से भाग लें और अपने पशुओं को समय पर टीका लगवाएं।”
कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी कुंवर वीरेंद्र मौर्य, उप जिलाधिकारी आकाश कुमार, विकास यादव और पशुपालन विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करने की शपथ ली और कहा कि जिले में कोई भी पशुपालक इस टीकाकरण से वंचित नहीं रहेगा।
मुख्य संपादक – शिवशंकर दुबे
लेखक : आशु झा
भारत क्रांति न्यूज़