हरियाणा का पहला मदर मिल्क बैंक : एक महीने में 200 से ज्यादा नवजात शिशुओं को जीवनदान

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हरियाणा का पहला मदर मिल्क बैंक : एक महीने में 200 से अधिक नवजात शिशुओं को मिला जीवनदान

रोहतक। हरियाणा के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पीजीआईएमएस रोहतक में राज्य का पहला मदर मिल्क बैंक (लैक्टेशन मैनेजमेंट सेंटर) स्थापित किया गया है। इस अनोखी पहल ने मात्र एक महीने के भीतर 200 से अधिक नवजात बच्चों की जान बचाकर यह साबित कर दिया है कि सही समय पर मां का दूध किसी भी औषधि से बढ़कर है।


मातृ दुग्ध : नवजातों के लिए जीवनरक्षक अमृत

डॉक्टरों का कहना है कि मां का दूध नवजात शिशुओं के लिए पहली वैक्सीन की तरह काम करता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व और एंटीबॉडीज बच्चों को संक्रमण, कुपोषण और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता से बचाते हैं।

समस्या यह थी कि कई मामलों में

  • बच्चा समय से पहले (Premature) जन्म लेता है।

  • प्रसव के दौरान मां गंभीर स्थिति में होती है।

  • किसी मेडिकल इमरजेंसी के कारण मां दूध नहीं पिला पाती।

ऐसी स्थिति में बच्चों की जान बचाना कठिन हो जाता था। अब यह मदर मिल्क बैंक इन चुनौतियों का समाधान बनकर सामने आया है।


दर्द से उम्मीद तक : एक बच्ची की मार्मिक कहानी

15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस पर एक बच्ची का जन्म हुआ।

  • यह बच्ची केवल 32 हफ्ते में जन्मी थी।

  • उसका वजन मात्र 1.7 किलो था।

  • जन्म के समय हालत गंभीर थी।

उसी दिन बच्ची की मां, 32 वर्षीय मनीषा, रोहतक-झज्जर रोड पर एक भीषण सड़क हादसे में घायल होकर आईसीयू में भर्ती थीं। डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की, लेकिन पांच दिन बाद उनकी मौत हो गई।

बच्ची को दूध नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में मदर मिल्क बैंक से उपलब्ध कराए गए दूध ने उसकी जान बचा ली। 1 सितंबर को बच्ची स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दी गई।

यह घटना इस बैंक की अहमियत को और मजबूत करती है।


दूध दान करने वाली माताएं : इंसानियत की मिसाल

मदर मिल्क बैंक की सफलता सिर्फ टेक्नोलॉजी से नहीं, बल्कि उन माताओं से जुड़ी है जो अपने अतिरिक्त दूध को दान कर रही हैं।

बहादुरगढ़ की गृहिणी गौरा (25) ने बेटी को जन्म देने के बाद दूध दान करना शुरू किया।
उन्होंने कहा :
“जब नर्स ने मुझे दूध दान का सुझाव दिया तो मैंने तुरंत हां कर दी। मुझे लगा कि यह नेक काम है। इससे न केवल मेरा दर्द कम हुआ बल्कि मुझे संतोष भी मिला कि मेरे दूध से किसी और मासूम की जान बच रही है।”

अस्पताल का स्तनपान सहायक स्टाफ रोजाना प्रसव वार्ड का दौरा करता है और माताओं को दूध दान के लिए जागरूक करता है।


आंकड़े बताते हैं सफलता की कहानी

  • अब तक 25 लीटर दूध बैंक में जमा हुआ।

  • इसमें से 21 लीटर दूध जरूरतमंद नवजातों को दिया गया।

  • हर दिन औसतन 800 मिलीलीटर दूध एकत्र हो रहा है।

  • पीजीआईएमएस में रोजाना 40 से 50 बच्चों का जन्म होता है।

  • एक महीने में ही 200 से अधिक शिशु इस सेवा का लाभ ले चुके हैं।


विशेषज्ञों की राय

NHM निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव ने बताया :
“इस बैंक की सफलता के बाद अब हरियाणा के अन्य जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में भी इसी तरह के यूनिट स्थापित करने की योजना है। हमारा लक्ष्य है कि नवजात शिशु मृत्यु दर को वर्ष 2030 तक घटाकर 12 प्रति 1000 जीवित जन्म तक लाया जाए।”

एक डॉक्टर ने कहा :
“जागरूकता बढ़ने के बाद और ज्यादा माताएं दूध दान करेंगी। प्रीमैच्योर बच्चों की संख्या बढ़ने से भविष्य में दूध की मांग और भी बढ़ेगी। हमें इस दिशा में तैयारी करनी होगी।”


आगे का रास्ता : हरियाणा से पूरे देश के लिए उदाहरण

  • फिलहाल यह सुविधा रोहतक के पीजीआईएमएस में शुरू हुई है।

  • अगले चरण में इसे जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों तक ले जाया जाएगा।

  • इससे नवजात शिशु मृत्यु दर में भारी कमी आएगी।

  • यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी रोल मॉडल साबित हो सकता है।


निष्कर्ष

हरियाणा का पहला मदर मिल्क बैंक सिर्फ एक स्वास्थ्य परियोजना नहीं है, बल्कि यह मानवता का अमृत है। यहां दूध दान करने वाली माताएं और चिकित्सा कर्मी मिलकर एक ऐसा आंदोलन खड़ा कर रहे हैं जिससे हजारों मासूम बच्चों की जिंदगी को सुरक्षित किया जा सकेगा।

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Author: Bharat Kranti News

Anil Mishra CEO & Founder, Bharat Kranti News Anil Mishra is the CEO and Founder of Bharat Kranti News, a platform dedicated to fearless and unbiased journalism. With a mission to highlight grassroots issues and promote truth in media, he has built Bharat Kranti News into a trusted source of authentic and people-centric reporting across India.

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